अटूट सनातन युवा महासभा रजि की राष्ट्रीय अध्यक्षा हिमांशी भारद्वाज जी ने गाँव की
*वट सावित्री व्रत का महत्व*
वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर रखा जाता है। इस दिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं और सावित्री-सत्यवान की कथा सुनती हैं। यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उन्हें अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करने का अवसर मिलता है।
*हिमांशी भारद्वाज जी का संदेश*
हिमांशी भारद्वाज जी ने इस अवसर पर समाज में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि वट सावित्री व्रत न केवल सुहागिन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण व्रत है, बल्कि यह समाज में महिलाओं की भूमिका और महत्व को भी दर्शाता है। उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वे अपने परिवार और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए काम करें।
*महिलाओं की भागीदारी*
वट सावित्री व्रत के अवसर पर गाँव की महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। उन्होंने वट वृक्ष की पूजा की और सावित्री-सत्यवान की कथा सुनी। इस अवसर पर महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना की।
निष्कर्ष
अटूट सनातन युवा महासभा रजि की राष्ट्रीय अध्यक्षा हिमांशी भारद्वाज जी द्वारा वट सावित्री व्रत का त्योहार मनाना एक महत्वपूर्ण आयोजन था। इससे न केवल सुहागिन महिलाओं को अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करने का अवसर मिला, बल्कि समाज में महिलाओं की भूमिका और महत्व को भी दर्शाया गया